ट्रांसमीटर क्या होता है और कैसे काम करता है? | Transmitter kya hota hai aur kaise kaam karta hai

सोशल मीडिया आज कल इंटरनेट की एक महत्वपूर्ण technology है जिसे लोग अपने व्यक्तिगत, सामाजिक और व्यापारिक संबंधों को बनाए रखने के लिए उपयोग करते हैं। सोशल मीडिया वेबसाइटों और एप्लिकेशन के रूप में मौजूद होते हैं।

टेक्नोलॉजी के दौर में हर इंसान कुछ नया बनाने में लगा हुआ है और भारत में ज्यादातर लोग जुगाड़ बना कर ही काम करते हैं, लेकिन टेक्नोलॉजी में भी काफी तेजी से पिछले कई सालों में देखने को मिली है साथ ही साथ हर रोज नए नए, अविष्कार और नई नई, टेक्नोलॉजी हमारी लाइफ का एक अलग हिस्सा (Part) बन रहा है।

हमारी इस पूरी दुनिया में जितने भी देश हैं टेक्नॉलॉजी को लेकर काफी तेजी से आगे बढ़ रहे हैं टेक्नोलॉजी के लिहाज से पूरी दुनिया में जापान सबसे एडवांटेज माना जाता है इस देश की खासियत यह है पूरी दुनिया में नंबर एक पर है जापान के मुकाबले हमारा भारत देश काफी पीछे है।

टेक्नोलॉजी के बारे में इस आर्टिकल में बताना बहुत मुश्किल है इसीलिए इस category में आपको टेक्नोलॉजी के बारे में ही जानकारी मिलेगी अगर आप जानना चाहते हैं, Transmitter kya hota hai aur kaise kaam karta hai, ट्रांसमीटर का मतलब क्या होता है?, ट्रांसमीटर और रिसीवर क्या है?,पूरी जानकारी मिलेगी इस लिए आर्टिकल को लास्ट जरूर पढ़े.

ट्रांसमीटर क्या होता है? (transmitter hota kya hai)

ट्रांसमीटर एक इलेक्ट्रॉनिक device या System होता है (Transmitter kya hota hai aur kaise kaam karta hai) ये Device को referenced करता है जो विद्युत चुम्बकीय तरंगों (Electromagnetic Waves) के रूप में Information या फिर Data Transmit करता है।

इस प्रकार की device या सिस्टम का उपयोग रेडियो, टेलीविजन, सेल फोन, वायरलेस इंटरनेट और अन्य communication systems में किया जाता है। ट्रांसमीटर काफी पावर फुल होता है ट्रांसमीटर एक सिग्नल जनरेटर (signal generator) और सिग्नल एम्पलीफायर (signal amplifier) से मिल कर बना होता है।

ट्रांसमीटर द्वारा जनरेट किया गया सिग्नल मॉड्यूलेटेड (modulated) होता है, साथी ही एंटीने के द्वारा इलेक्ट्रोमैग्नेटिक वेव्स (Electromagnetic Waves) के रूप में ट्रांसमिट करता रहता है ये इलेक्ट्रोमैग्नेटिक वेव्स की फ्रीक्वेंसी, पावर, मॉड्यूलेशन टाइप, और ट्रांसमिशन मोड जैसे फैक्टर्स को कंट्रोल कर सकते हैं।

जिससे आप एक स्पेसिफिक फ्रीक्वेंसी बैंड (specific frequency band) में और एक स्पेसिफिक एरिया (specific area) में सिग्नल ट्रांसमिट कर सकें या device के साथ सिग्नल कम्युनिकेशन होता रहे, आसान शब्दों में ट्रांसमीटर एक डिवाइस होता है जोकि इलेक्ट्रिकल सिग्नल को इलेक्ट्रोमैग्नेटिक वेव्स में कन्वर्ट करता रहता है साथ ही लगा एंटीना इस सिग्नल को एक प्राप्त डिवाइस या सिस्टम तक कम्युनिकेट करता रहता है।

ट्रांसमीटर काम कैसे करता है? (transmitter kaam kaise karta hai?)

ट्रांसमीटर एक इलेक्ट्रॉनिक device या System होता है (Transmitter kya hota hai aur kaise kaam karta hai) एक ट्रांसमीटर का काम है, सिग्नल को एनकोड (encode) करना और अंतरीक्षण या ब्रॉडकास्टिंग (space or broadcasting) सिग्नल को डाटा सेंड करना होता है ये सिग्नल साउंड, वीडियो, डेटा या कोई और जानकारी हो सकता है।

Transmitter kya hota hai aur kaise kaam karta hai

ट्रांसमीटर को एक एंटीना भी कह सकते है हालांकि एंटीना सिग्नल को भेजता और रिसीव करता है, जो हवा में सिग्नल भेजता है ट्रांसमीटर में सिग्नल (उत्पन्न) Yield करने के लिए एक ऑसिलेटिंग (oscillating) सर्किट होता है।

जो विद्युत (Electricity) ऊर्जा को दोलनों (oscillations) में converted करता रहता है इन दोलनों (oscillations) के परिवर्तित होने के बाद, सिग्नल को modified किया जाता है, यानी जिससे सिग्नल को frequency, फेज या amplitude में मॉडिफाई किया जा सकता है।

एम्प्लीट्यूड मॉडुलेशन (amplitude modulation) और फ्रीक्वेंसी मॉडुलेशन (frequency modulation) जैसी टेक्नोलॉजी का उपयोग सिग्नल को modulate करने के लिए किया जाता है। जब सिग्नल modulate किया जाता है, तो वह एंटीना के माध्यम से एयर में भेज दिया जाता है।

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ट्रांसमीटर का मतलब क्या होता है? (transmitter ka matlab kya hota hai?)

ट्रांसमीटर एक छोटा सा इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस होता है (Transmitter kya hota hai aur kaise kaam karta hai) जो इलेक्ट्रॉनिक या electrical way से जानकारी या सिग्नल को एक स्थान से दूसरे स्थान पर भेजने के लिए उपयोग किया जाता है। ये डिवाइस इलेक्ट्रॉनिक signals को विभिन्न Methods से broadcast करता है।

ट्रांसमीटर विभिन्न रेंज या दूरी की समस्याओं को हल करने में मदद करता है, जैसे बिल्डिंग और दीवारों द्वारा बाधित signals को ट्रांसमिट करने की क्षमता रखता है।

ट्रांसमीटर और रिसीवर क्या है? (Transmitter aur Receiver Kya hai?)

ट्रांसमीटर (Transmitter ): ट्रांसमीटर एक device है जो इलेक्ट्रोनिक संदेशों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर भेजने के लिए उपयोग किया जाता है। ट्रांसमीटर एक Signal को एक फ्रेक्वेंसी पर लगाकर एक रेडियो तरंग के रूप में भेजता है जो एक रेडियो एंटीना द्वारा लगाया जाता है।

ट्रांसमीटर सिग्नल को एनकोड (encode) करना और अंतरीक्षण या ब्रॉडकास्टिंग (space or broadcasting) सिग्नल को डाटा सेंड करना होता है इसका उपयोग ज्यादातर जैसे वायरलेस रेडियो, टेलीविजन और सेल्युलर टेलीफोन आदि.

रिसीवर (Receiver): रिसीवर एक device है जो रेडियो तरंगों को खोजता है जो एक एंटीना द्वारा सिग्नल को प्राप्त करता है और उन सिग्नल को इलेक्ट्रॉनिक messages में कन्वर्ट करता है। यह संदेश उन्हें एक डिस्प्ले पर दिखाता है, जो संदेश का Real मान प्रदर्शित करता है। रिसीवर अक्सर रेडियो या टेलीविजन से संबंधित device में उपयोग किया जाता है।

ट्रांसमीटर कितने प्रकार के होते हैं? (Transmitter Kitne Prakar ke hote hai?)

ट्रांसमीटर विभिन्न प्रकार के होते हैं, जो विभिन्न उद्देश्यों के लिए उपयोग किए जाते हैं। ये कुछ प्रमुख ट्रांसमीटर निम्नलिखित हैं:

  1. एम्प्लीट्यूड मॉडुलेशन (Amplitude Modulation) ट्रांसमीटर: यह ट्रांसमीटर आवाज को एक सेंसर (sensor) के द्वारा उत्पन्न किए गए संबंधित तरंगों की ऊर्जा को बदलकर मोड़ता है।
  2. फ्रीक्वेंसी मॉडुलेशन (Frequency Modulation) ट्रांसमीटर: यह ट्रांसमीटर आवाज को आवृत्ति (frequency) के आधार पर मोड़ता है। frequency की बढ़ती से आवाज की ऊर्जा बढ़ती है जो एक उच्च-गुणवत्ता वाली संगीत या रेडियो विषयों को भेजने के लिए उपयोगी होती है।
  3. डिजिटल ट्रांसमीटर(digital transmitter): यह ट्रांसमीटर आवाज या डेटा को डिजिटल signals में परिवर्तित करता है जो अन्य उपकरणों के साथ इंटरफ़ेस करने के लिए उपयोग किया जाता है।
  4. सेल्यूलर ट्रांसमीटर (Cellular transmitters): यह ट्रांसमीटर मोबाइल फोन जैसी उपकरणों में उपयोग किए जाने वाले होते हैं जो वायरलेस अनुभव के लिए Communications के लिए उपयोग किये जाते हैं।
ट्रांसमीटर प्राइस लिस्ट (Transmitter Price List)

ट्रांसमीटर की प्राइस विभिन्न तत्वों पर निर्भर करती है, जैसे कि ट्रांसमीटर के प्रकार, उपयोग की गई तकनीक, ऊर्जा की आवश्यकता और अन्य फ़ैक्टर्स, एक सामान्य AM या FM रेडियो ट्रांसमीटर की कीमत कुछ हजार रुपये से शुरू होती है।

जबकि बड़े रेडियो और टेलीविजन स्टेशनों के लिए उपयोग होने वाले अधिक प्रभावी ट्रांसमीटर की कीमत करोड़ों रुपये तक हो सकती है संचार (Communications) कंपनियों के लिए उपयोग होने वाले सेल्यूलर ट्रांसमीटर की कीमत भी विभिन्न हो सकती है, लेकिन इनकी आमतौर पर लाखों रुपये से शुरू होती है।

यह प्राइस लिस्ट सिर्फ सामान्य रूप से उल्लेखित कीमतें हैं और विभिन्न विक्रेताओं और ब्रांडों के अनुसार भिन्न हो सकती हैं। निम्नलिखित लिस्ट में कुछ सामान्य ट्रांसमीटर की कीमतें दी गई हैं:

  1. साधारण AM/FM रेडियो ट्रांसमीटर – 5,000 रुपये से शुरू होती हैं.
  2. बेसिक हैम रेडियो ट्रांसमीटर – 10,000 रुपये से शुरू होती हैं.
  3. स्टाडियम रेडियो ट्रांसमीटर – 20,000 रुपये से शुरू होती हैं.
  4. बेसिक डिजिटल टेलीविजन ट्रांसमीटर – 50,000 रुपये से शुरू होती हैं.
  5. एफएम रेडियो ट्रांसमीटर – 1 लाख रुपये से शुरू होती हैं.
  6. टेलीविजन न्यूज़ चैनल ट्रांसमीटर – 1 करोड़ रुपये से शुरू होती हैं.
  7. सेल्यूलर ट्रांसमीटर – 10 लाख रुपये से शुरू होती हैं.

लिमिट ट्रांसमीटर क्या होते है और कैसे काम करता है?

लिमिट ट्रांसमीटर एक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस होता है जो एक सिग्नल के ऊपर से सेट लिमिट से ऊपर जाने से रोकता है। इसका उपयोग signaling और डेटा ट्रांसमिशन में ज्यादातर किया जाता है, जहां एक सिग्नल के ऊपर से आने वाले इंटरफेरेंस या नॉइज को रोकने के लिए इसका उपयोग किया जाता है।

लिमिट ट्रांसमीटर को इनपुट सिग्नल को दो भागों में विभाजित करने के लिए उपयोग किया जाता है एक स्थिर भाग जो लिमिट से कम होता है और एक बदलता हुआ भाग जो लिमिट से अधिक होता है। इसके बाद, बदलता हुआ भाग को एक एम्पलीफायर से गुजराया जाता है जो इसे और बढ़ा देता है।

यदि सिग्नल लिमिट से अधिक होता है,तो यह सिग्नल स्थिर भाग को छोड़ता हुआ बाहर निकल जाता है। इस तरह, लिमिट ट्रांसमीटर सिग्नल के ऊपर से जाने से रोकता है और सिग्नल को लिमिट से कम होने के लिए नीचे लाता है।

रेडियो प्रसारण के उद्देश्य और सिद्धांत (Objectives and principles of radio broadcasting)

रेडियो प्रसारण का मुख्य उद्देश्य समाचार, मनोरंजन और शिक्षा को सुनने और देखने वालों तक पहुंचाना है। इसके अलावा, रेडियो प्रसारण का एक अहम उद्देश्य जनता को जागरूक बनाना है ताकि वे समाज में विभिन्न मुद्दों को समझ सकें और सही निर्णय ले सकें।

रेडियो प्रसारण के सिद्धांत में एक महत्वपूर्ण पार्ट उपयोगकर्ताओं की रूचि और आवश्यकताओं के अनुसार प्रोग्राम का चयन करना है। रेडियो प्रसारण के लिए स्थान, समय, और सामग्री का चयन भी महत्वपूर्ण होता है।

रेडियो ब्राडकास्ट को नैतिक मूल्यों (moral values) और आधारभूत मानवाधिकारों का पालन करना होता है। इसके अलावा, रेडियो ब्राडकास्ट को न्यायपूर्ण और सत्यापनीय जानकारी प्रदान करना होता है।

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अंतिम शब्द

दोस्तों मुझे उम्मीद है की आप को इस आर्टिकल आप के सवालो का जवाब मिल गया होगा और आप ने ट्रांसमीटर क्या होता है और कैसे काम करता है? (Transmitter kya hota hai aur kaise kaam karta hai?) के बारे में सही तरीके से जान लिया होगा अगर आपका कोई सुझाव है तो नीचे कमेंट करके हमें जरूर बताएं।

प्रसारण की मूल बातें क्या हैं?

प्रसारण का मूल उद्देश्य जनता को सूचनाएं पहुंचाना होता है। सूचनाएं समाचार, विज्ञापन, विशेष रुप से नृत्य, संगीत, और टीवी शो जैसी विभिन्न विषयों पर हो सकती हैं।

सबसे महंगा ट्रांसमीटर कौन सा है?

टेलीविजन न्यूज़ चैनल ट्रांसमीटर – 1 करोड़ रुपये से शुरू होती हैं और इससे भी अधिक महगे ट्रांसमीटर आते है।

ट्रांसमीटर का आविष्कार कब हुआ?

ट्रांसमीटर का आविष्कार Heinrich Hertz ने सन 1887 किया.

प्रथम ट्रांसमीटर का आविष्कार किसने किया था?

प्रथम ट्रांसमीटर का आविष्कार गुग्लिल्मो मार्कोनी 1890 ने किया.

वायरलेस का जनक कौन है?

जगदीश चंद्र बोस वायरलेस का जनक माना जाता है।

भारत में पहला रेडियो प्रसारण कब हुआ था?

भारत में पहला रेडियो प्रसारण जून 1923 में बॉम्बे में पहली बार किया गया था।

ट्रांसमीटर का उपयोग कहां किया जाता है?

ट्रांसमीटर उपयोग एंटीना की सहायता से डेटा भेजने या भेजने के लिए रेडियो तरंगों का उत्पादन करने के लिए दूरसंचार में किया जाता है। 

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